Thursday 20 September, 2007

ये है झारखण्ड मेरी जान............................

ये है झारखण्ड मेरी जान............जहाँ लूट कि है सबको छुट ...........

जी हाँ, झारखण्ड मे सबको लूटने कि छुट मिली हुई है, चाहे वो नेता हों, प्रशासनिक अधिकारी हों या फिर किसी भी विभाग के साधारण सा मुलाजिम। सभी अपने-अपने तरीके से ज़िले को लूट रहे हैं। इस पर भी तुर्रा यह है कि सभी एक-दुसरे को ही दोषी बता रहे हैं, कोई भी अपने गिरेबान मे नही झांक रह है। हमारे मंत्रियों को देख लीजिये यहाँ की जनता के लिए काम क्या कर रहे हैं वह तो सबको दिख रहा है। हर मंत्री को सिर्फ अपने कमिसन से मतलब है। कमीशन मिल जाये फिर काम हों रहा है या नही, उस काम से लोगों का वाला हों रहा है या नही कुछ मतलब उन्हें नही है। इतनी मुश्किल से, इतने पैसे खर्च कर मंत्री बने हैं इसलिये पैसे आने मे कोई कमी नही होनी चाहिय। भाड मे जाये जनता। आलम यह है कि आब हमारे यहं के मंत्री नोट गिनने की मशीन ख़रीद रहे हैं।
इसी तरह यहा के प्रशासनिक अधिकारी भी पैसे कमाने मे लगे हुए हैं। और लगे भी क्यों नही। बेचारे इतनी मुश्किल से पैरवी लगा कर, लाखों रूपये घुस देकर अच्छी जगः पर पोस्टिंग करते हैं, आख़िर किस लिए पैसे कमाने के लिए ही ना, सो पैसे कमा रहे हैं। सरकार के मंत्री भी कुछ नही बोलते। भाई घुस जो लिया है इतनी ईमानदारी तो बरतनी ही पडेगी ना।
अब रही कर्मचारियों कि बात तो भाई जब सहाब ले रही हैं तो वो क्यों ना लें। अखिर उनका भी परिवार है, उन्हें भी तो कमाने का हक बँटा है ना......................
इसलिय झारखण्ड मे सबको लूट की छुट मिली हुई है, जिसको जैसे कमाना है कमाये ......................

No comments: