Saturday 30 August, 2008

दुखी हैं झारखंडवासी पर कोई नहीं दुख बांटने वाला

झारखंड में निजी स्‍वार्थ के लिए चल रही गंदी राजनीति के इस खेल में कुछेक व्‍यक्ति विशेष को छोड़ किसी का भला नहीं हो रहा। और ना ही इस ओर कोई सोच रहा है। चाहे बात पूरे झरखंड राज्‍य के विकास की हो या ‍फिर यहां के निवासियों का। राज्‍य में चल रहे कुर्सी के इस खेल में हमारे राजनीतिज्ञ सबकुछ भुल चुके हैं। उन्‍हें अच्‍छे-बुरे का कुछ ख्‍याल ही नहीं रह गया है। ऐसे नेताओं का साफ कहना है कि राजनीतिक में सब जायज है। बस इसी कहावत को लेकर वे कितना भी नीचे गिरने को तैयार है।
जब झारखंड अलग राज्‍य बना था तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि इस राज्‍य की ऐसी दुर्गति होगी। यहां के माननीय नेतागण जिनके कंधों पर यहां की जनता राज्‍य के विकास एवं लोगों की उन्‍नति का भार रखेगी, वही हमारे प्रिय नेता सिर्फ्‍ अपने फायदे और नुकसान की सोचेंगे। सत्‍ता के लोभ में वे इस कदर अंधे हो जाएंगे कि सबकुछ भुलकर पूरे राज्‍य का बंटाधार करने पर भी उतारु हो जाएंगे।
एक ओर अपने को गुरु जी कहलाने वाले शिबू सोरेन जी झारखंड में राजनीतिक संकट उत्‍पन्‍न कर खुद मुख्‍यमंञी बनने के लिए एडी-चोटी एक कर दिया और अंतत उन्‍हें मुख्‍यमंञी का पद भी हासिल हो गया। लेकिन उनका यह बयान देना कि निवर्तमान झारखंड सरकार भ्रष्‍ट हो चुकी है और भ्रष्‍टाचार का ही बोलबाला पूरे झारखंड में है।
लेकिन एक बात और यह भी गौर करने वाली है कि जो शिबू सोरेन निर्दलीय विधायक को मुख्‍यमंञी बनाने में मुख्‍य भूमिका अदा किये, वही अब यह कह रहे हैं कि वर्तमान राज्‍य सरकार में भ्रष्‍टाचार का बोलबाला है, इसलिए सरकार को गिरा देना ही जरुरी है। उनका यह भी कहना था कि सरकार के मंञीगण भी भ्रष्‍ट हो चुके हैं। इस तर्क पर सरकार से समर्थन वापस लेने को अगर मान लिया जाए कि जायज है, तो फिर गुरुजी स्‍वयं मुख्‍यमंञी बनने के लिए उन्‍हीं विधायकों से समर्थन लिया, जो निवर्तमान सरकार में भ्रष्‍टाचार को राज्‍य में फैलाकर रखे हुए थे। क्‍या उनके मुख्‍यमंञी बन जाने से ये विधायक जो मंञी बन भ्रष्‍टाचार फैलाये हुए थे, वे अपने कुकर्मों से बाज आ जाएंगे? कुछ दिन पहले तक गुरुजी का यह कहना था कि मधु कोड़ा की सरकार ठीक चल रही है। वह उनके साथ हैं और अचानक सत्‍ता का लालच इस कदर गुरुजी में समाया कि गुरुजी किसी भी कीमत पर मुख्‍यमंञी बनने के लिए अड़ गये और एक ही दिन में मधु कोड़ा की सरकार भ्रष्‍ट हो गयी। उनके मंत्री भ्रष्‍ट हो गये। पूरे राज्‍य में भ्रष्‍टाचार का बोलबाला उन्‍हें दिखने लगा। इससे यह पता नहीं चलता कि गुरुजी कहलाने वाले शिबू सोरेन खुद सत्‍ता के लोभी है? क्‍या गुरुजी कुर्सी पर बैठकर झारखंड को प्रगतिशील राज्‍य बना पाएंगे? झामुमो के सुप्रीमो शिबू सोरेन जिनके बढ़प्‍पन के किस्‍से खुद उनके ही पार्टी के विधायक बताते हैं वह कभी अपने और सिर्फ अपने बारे में छोड़ राज्‍य हित की बात करें?
जब से सत्‍ता परिवर्तन हुआ है मेरे मन में कुछ इस तरह के सवाल है जिसका जवाब मुझे नहीं मिल पा रहा है। अगर आपमें से किसी के पास इन सवालों का जवाब हो तो मुझे बताएं मैं आपके प्रति एहसानमंद रहूंगा। मैं बहुत ही बेचैन हूं आखिर हमारा झारखंड, प्‍यारा झारखंड कहां जा रहा है? इसका भविष्‍य क्‍या है?